Blogspot - jagadishwarchaturvedi.blogspot.com - नया जमाना
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Latest News:
नरेन्द्र मोदी के चुनावी विभ्रम 20 Jul 2013 | 07:37 am
भाजपा और नरेन्द्र मोदी का आनेवाले चुनाव में संभावित वैचारिक नारा "ताकतवर-भारत" का होगा। मोदी के प्रचार अभियान के प्रधान मुद्दे होंगे पड़ोसियों से दबकर मत रहो ।उनसे अकड़ से पेश आओ। अल्पसंख्यकों पर बहुस...
जनसत्ता के निराला पर प्रतिक्रियावादी हमले 20 Jul 2013 | 07:18 am
हाल ही में जनसत्ता अखबार में शंकरशरण का लेख छपा है जिसमें सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' को हिन्दुत्ववादी सिद्ध करने का आधारहीन प्रयास किया गया है। इस लेख में निराला को समग्रता में देखने की कोशिश ही ...
भारतीय मध्यवर्ग के वहशी रूप 20 Jul 2013 | 06:28 am
भारत में मध्यवर्ग का तेजगति से पतन हो रहा है ।इतनी तेजगति से अन्य किसी वर्ग का पतन नहीं हुआ है। मध्यवर्ग के आदर्शनायक आईएएस -आईपीएस अफसरों में बहुत बड़ा समुदाय तैयार हुआ है जो आकंठ भ्र...
फेसबुक विचार वैतरणीः भाजपा और 2014 का लोकसभा चुनाव 25 Jun 2013 | 09:47 am
-1- BJP अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भाजपा को असली भगवा रंग में पेश करके भाजपा का राजनीतिक भविष्य अंधकारमय कर दिया है। राजनाथ सिंह ने धर्मनिरपेक्षता को बीमारी कहा है और उसे बुरा माना है। उन्होंने कहा- “You...
फेसबुक विचार वैतरणीः नव्य उदारीकरण के दुष्परिणाम 25 Jun 2013 | 09:44 am
-1- डिजिटल क्रांति ने सीडी-डिस्क-कैसेट आदि के क्षेत्र में जो तबाही मचायी है उसके परिणाम आने लगे हैं। वीडियोकॉन समूह के प्लैनेट एम की बिक्री में गिरावट आई है और राजस्व में उसकी हिस्सेदारी कुछ साल पहले...
शीतयुद्धोत्तर परिप्रेक्ष्य की तलाश और मार्क्सवादी रूढ़ियां 5 Jun 2013 | 11:37 am
-1- फेसबुक पर हिन्दीलेखकों में लेखकीय ध्रुवीकरण शीतयुद्धीय राजनीति के फ्रेमवर्क से बंधा है। कायदे से शीतयुद्धीय राजनीति और सीआईए- -सोवियत कम्युनिज्म के दायरे से बाहर निकलकर चीजों को देखने की जरूरत है...
केजीबी और साहित्य 4 Jun 2013 | 05:51 am
केजीबी सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी है,यह लंबे समय तक समाजवादी सोवियत संघ का ,आज अंग है रूस का। इस संस्था ने कला-साहित्य का कोई आंदोलन प्रमोट नहीं किया लेकिन साहित्य-कला के क्षेत्र में सोवियत संघ में क...
फेसबुक मित्रों का हिप्पोक्रेटिक चरित्र 3 Jun 2013 | 06:48 am
-1- फेसबुक यूजर नई समस्याओं के समाधान रामायण,महाभारत, हनुमान चालीसा ,शिवचालीसा आदि में क्यों खोजता हैं ? अतीत के बोझ को त्यागे बिना आधुनिक नहीं बन सकते फेसबुक यूजर. -2- फेसबुक यूजर अपनी वर्तमान इमे...
फेसबुक ,डिजिटल मानवाधिकार और नार्सिज्म 3 Jun 2013 | 06:38 am
मैकलुहान के शब्दों में कहें तो मनुष्य तो मशीनजगत का सेक्स ऑर्गन है। डिजिटल मानवाधिकार इससे आगे जाता है और गहराई में ले जाकर मानवीय शिरकत को बढ़ावा देता है। हिन्दी के जो साहित्यकार फेसबुक पर हंगामा मचा...
शीतयुद्ध ,सीआईए और साहित्य 3 Jun 2013 | 06:32 am
ओम थानवी और अर्चना वर्मा ने साहित्य और सीआईए के अन्तस्संबंध की बहस को नितांत व्यक्तिगत और आत्मगत रूप से देखा है। साहित्य और सीआईए के अन्तस्संबंध को अशोक पाण्डेय या अन्य लेखक की राय मात्र के रूप में न ...