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Latest News:

सावन के झूले और उफनते नदी-नाले 17 Aug 2013 | 01:25 pm

ग्रीष्मकाल आया तो धरती पर रहने वाले प्राणी ही नहीं अपितु धरती भी झुलसने लगी। खेत-खलियान मुरझाये तो फसल कुम्हालाने लगी। घास सूखी तो फूलों का सौन्दर्य-सुगंध तिरोहित हुआ। बड़े-बड़े पेड़-पौधे दोपहर की तपन...

घर से बाहर एक घर 1 Aug 2013 | 09:41 am

हिन्दी साहित्य के प्रति मेरा रूझान बचपन से रहा है। बचपन में जब पाठशाला जाने से पहले दूसरे बच्चों की तरह हम भी घर में धमा-चौकड़ी मचाते हुए खेल-खेल में बड़े बच्चों के साथ-साथ उनसे छोटी-छोटी हिन्दी कविता...

दादू सब ही गुरु किए, पसु पंखी बनराइ 19 Jul 2013 | 05:51 pm

घर में माता-पिता के बाद स्कूल में अध्यापक ही बच्चों का गुरु कहलाता है। प्राचीनकाल में अध्यापक को गुरु कहा जाता था और तब विद्यालय के स्थान पर गुरुकुल हुआ करते थे, जहाँ छात्रों को शिक्षा दी जाती थी। चाह...

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है। 9 Jul 2013 | 09:51 am

धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है। लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है।। एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं। जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।। छटाँक भर धैर्य स...

संत कबीर 22 Jun 2013 | 04:27 pm

       "यहु ऐसा संसार है, जैसा सेमर फूल। दिन दस के ब्यौहार कौं, झूठे रंग न भूल।।" दस दिन के जीवन पर मानव नाहक ही मिथ्या अभिमान करता है। वह भूल जाता है कि जीवन तो सेमल के फूल के समान क...

शिंगणापुर के शनिदेव 8 Jun 2013 | 11:49 am

कई वर्ष बाद इस वर्ष 8 जून को शनिवार के दिन शनि जयंती का संयोग बना है। इसी दिन शिंगणापुर की यात्रा के वे पल याद आ रहे हैं जब हम पहली बार सांई बाबा के दर्शन कर सीधे शनिदेव के दर्शन के लिए शिंगणापुर पहुं...

दूर-पास का लगाव-अलगाव 3 Jun 2013 | 01:09 pm

कोई सेब अपने पेड़ से बहुत दूर नहीं गिरता है। बछड़ा अपनी माँ से बहुत दूर नहीं रहता है।। दूर का पानी पास की आग नहीं बुझा सकता  है। मुँह मोड़ लेने पर पर्वत भी दिखाई नहीं देता है।। दूर उड़ते हुए पंछी ...

फाख्ता का पलता-बढ़ता घर-परिवार 18 May 2013 | 10:34 am

कभी जब घर आँगन, खेतिहर जमीनों में, धूल भरी राहों में, जंगल की पगडंडियों में भोली-भाली शांत दिखने वाली फाख्ता (पंडुकी) भोजन की जुगत में कहीं नजर आती तो उस पर नजर टिक जाती। उसकी भोलेपन से भरी प्यारी सूर...

परशुराम-लक्ष्मण संवाद प्रसंग 12 May 2013 | 04:14 pm

अभी कुछ दिन पहले जब समाचार पत्र में पढ़ा कि मध्यप्रदेश शासन ने इस वर्ष 13 मई को परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है और इसके लिए जब सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज ने शासन का आभार व्यक्त...

मजदूर दिवस कितना सार्थक 30 Apr 2013 | 07:56 pm

हर कोई जानता है कि रविवार का दिन छुट्टी का दिन होता है, आराम का दिन होता है। लेकिन यदि मुझसे पूछा जाय तो मेरे लिए यह सबसे ज्यादा थकाऊ और पकाऊ दिन होता है। दिन भर बंधुवा मजदूर की तरह चुपचाप हफ्ते भर के...

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न देख मुझे नफरत भरी निगाहों से

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