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सरल ,मधुर मेरी रचना 24 Apr 2012 | 09:04 pm

सरल ,मधुर मेरी रचनालिख रहा हू सुन्दर सपनाइठलाती ,इतरातीझूम रही हैं देखो लक्ष्या…. झाड़ू ,पोछा ,बिस्तर लगानाछूप-छूप के हँसना रोना     रुठ -रुठ के जिद्दी होंनाफिर चाचू से २ र लाना इस्कूल जाना,इस्कूल से आ...

मन बांवरा …….. 24 Mar 2012 | 06:15 pm

में तेरे शहर में आया हू , खुद की महफ़िल सजाने आया हू तेरे इश्क की इस आंधी में ,खुद को फिर मिटाने आया हू . में भी तेरा दीवाना हू ,बस यही बात बताने आया हू तेरे इश्क की मासूमियत में ,खुद को फिर लुटाने आय...

मन बांवरा …….. 24 Mar 2012 | 02:15 pm

में तेरे शहर में आया हू , खुद की महफ़िल सजाने आया हू तेरे इश्क की इस आंधी में ,खुद को फिर मिटाने आया हू . में भी तेरा दीवाना हू ,बस यही बात बताने आया हू तेरे इश्क की मासूमियत में ,खुद को फिर लुटाने आय...

ऐ जिंदगी तेरा सफर भी बहुत निराला हैं 13 Oct 2011 | 11:29 pm

ऐ जिंदगी तेरा सफर भी बहुत निराला हैं कभी खुशियाँ भर -भर के देता हैं तो कभी गम के आँसू रुलता हैं कभी छप्पर फाड़ के देता हैं तो कभी बेवजह संघर्ष करता हैं ऐ जिंदगी तेरा सफर भी बहुत निराला हैं…… कभी मोंत ...

ऐ जिंदगी तेरा सफर भी बहुत निराला हैं 13 Oct 2011 | 07:29 pm

ऐ जिंदगी तेरा सफर भी बहुत निराला हैं कभी खुशियाँ भर -भर के देता हैं तो कभी गम के आँसू रुलता हैं कभी छप्पर फाड़ के देता हैं तो कभी बेवजह संघर्ष करता हैं ऐ जिंदगी तेरा सफर भी बहुत निराला हैं…… कभी मोंत ...

यें ज़िन्दगी भी अजीब सी हैं 23 Aug 2011 | 06:33 pm

यें ज़िन्दगी भी अजीब सी हैं , हर मोड़ पर अपना रंग बदल देती हैं कोई अपने बेगाने हो जाते हैं ,तो कोई पराया अपना हो जाता हैं यें ज़िन्दगी भी अजीब सी हैं , हर मोड़ पर कुछ नया सिखाती हैं कभी खुशिया भर -भर ...

यें ज़िन्दगी भी अजीब सी हैं 23 Aug 2011 | 02:33 pm

यें ज़िन्दगी भी अजीब सी हैं , हर मोड़ पर अपना रंग बदल देती हैं कोई अपने बेगाने हो जाते हैं ,तो कोई पराया अपना हो जाता हैं यें ज़िन्दगी भी अजीब सी हैं , हर मोड़ पर कुछ नया सिखाती हैं कभी खुशिया भर -भर ...

धीरे -धीरे मेरा दिल मचलने लगा 10 Aug 2011 | 04:57 pm

धीरे – धीरे मेरा दिल मचलने लगा , चुपके- चुपके मैं मोहह्बत करने लगा ये समझ न आया क्या होने लगा …. जब से तुमको यु देखा ,तो मन हि मन मोहह्बत करने लगा मैं दीवाना तेरा ये दुनियाँ से कहने लगा ,तु ही जिंदगी ...

धीरे -धीरे मेरा दिल मचलने लगा 10 Aug 2011 | 12:57 pm

धीरे – धीरे मेरा दिल मचलने लगा , चुपके- चुपके मैं मोहह्बत करने लगा ये समझ न आया क्या होने लगा …. जब से तुमको यु देखा ,तो मन हि मन मोहह्बत करने लगा मैं दीवाना तेरा ये दुनियाँ से कहने लगा ,तु ही जिंदगी ...

“हाल -ए- ज़िन्दगी “ 9 Jun 2011 | 12:18 am

मोहब्बत का इरादा बदल जाना बी मुश्किल है उन्हें खोना बी मुश्किल है और पाना बी मुश्किल है ज़रा सी बात पर आंखें भिगो कर बैठ जाते है वो उसे तो अपने दिल का हाल बताना बी मुश्किल है यहाँ लोगो ने खुद पर इतने ...

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भतीजी

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