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गीत | आ जा राजा अब होली में… 2 Mar 2013 | 12:17 pm
गीत | आ जा राजा अब होली में , मौसम के मन बौराइल बा | झूमे लागल सगरी सरेहिया , तोहरा बिन जिया अकुलायिल बा | गेहुँवा के डलिया में चढ़ल जवानी , सरसों के लहरे चुनरिया | मटर लहरा के मारे हिलोरा , चनवा के सज...
धान के पतई सर सर करे मस्त हवा… 13 Aug 2012 | 10:31 am
धान के पतई सर सर करे , मस्त हवा करेला जोर ! चल देख खेतवा के नजारा , पानी मारेला हिलोर । हरी हरी घसीयन के चढ़ल जवानी । रिम झिम बारिस चलावता घानी ! भींजी के खेतवा में होता किसानी ! परती खेत वालन कहेलन हर...
गीत आजादी दिवस मनाव झंडा फहराईके । शहीद… 13 Aug 2012 | 10:29 am
गीत ! आजादी दिवस मनाव झंडा फहराईके । शहीद लोगन के नमन कर श्रद्धा सुमन चढ़ाईके । जलिया वाला बाग भरे अँखियों में पानी । स्मारक याद दिलावे शहीदों के बलिदानी । केतने लोग मारल गईलन अँगरेजन के मनमानी । केतने...
तेज आंधी चली बस्ती में तरु झूमने लगे… 12 Jul 2012 | 07:36 pm
तेज आंधी चली बस्ती में , तरु झूमने लगे मस्ती में ! धूल उड़ने लगी भँवरों में , लोग छिपने लगे घरों में ! चारों ओर मची हाहाकार , माल मवेशी करें पुकार ! फिर छायी घटा घनघोर , उमड़े घन मचाने लगे शोर ! दामिनी ...
पी के भइल बाइन बम इ नइखन के… 12 Jul 2012 | 07:35 pm
पी के भइल बाइन बम , इ नइखन के से कम ! देख गिरल बाड़न पी के डहरिया में ! ई त बिकल बाड़न नशा के बजरिया में ! खेत बेची के पी गइलन , घरवो के बारी आइल बा ! नशा चढ़ाके दर दर भटके , लोग कहे पगलाइल बा ! बीवी बच्...
रिम झिम पड़ेला फुहार हो आजा लूटे सावनी… 12 Jul 2012 | 07:34 pm
रिम झिम पड़ेला फुहार हो , आजा लूटे सावनी बहार ! बहे मनभावनी बयार हो , मिली के गाव कजरी मल्हार ! कबो रिम झिम कबो जोर से बरसे ! बारिस में नहाये के मोरा मन तरसे ! तोहरा बिना कइसे निकलीं हम घर से ! निकली न...
पवन उड़ाये जाये हमरो अँचरवा गरजत बरसत आयो… 22 Jun 2012 | 07:20 pm
पवन उड़ाये जाये हमरो अँचरवा ! गरजत बरसत आयो रे बदरवा ! रिम झिम झम झम बरसे पानी ! पवन झकोरा करन लागे मनमानी ! आके भिगाने लगा हमरो कजरवा ! गरजत बरसत आयो रे बदरवा ! पिया बिना कुछ नीक ना लागे ! अँखियों से ...
कहिया अइब परदेशी सजनवा तोहरा बिना सूना लागे… 22 Jun 2012 | 07:19 pm
कहिया अइब परदेशी सजनवा ! तोहरा बिना सूना लागे सजल भवनवा ! चढ़त अषाढ़ घनाघन बरिसे , सावन खिलेला दवनवा ! भादो मास के रात भयावन , ना सूझेला अँगनवा ! कहिया अइब परदेशी सजनवा ! क्वार मास अति धुन्ध पड़त है, कार...
कहिया अइब परदेशी सजनवा तोहरा बिना सूना लागे… 21 Jun 2012 | 01:32 pm
कहिया अइब परदेशी सजनवा ! तोहरा बिना सूना लागे सजल भवनवा ! चढ़त अषाढ़ घनाघन बरिसे , सावन खिलेला दवनवा ! भादो मास के रात भयावन , ना सूझेला अँगनवा ! कहिया अइब परदेशी सजनवा ! क्वार मास अति धुन्ध पड़त है, कार...
सगरे सरेहिया हरियर हो गईल बरिसे लागल रात… 16 Jun 2012 | 01:18 pm
सगरे सरेहिया हरियर हो गईल , बरिसे लागल रात दिन ! कहिया अइब हमरो बलमुवा , बीतेला दिन गिन गिन ! चार महिना जाड़ काल के दिनवा ! थर थर काँपेला सगरी बदनवा ! धूप ना लउकेला कबहीं अँगनवा ! जाड़ा से काँपेला लागे ...