Blogspot - fizool.blogspot.com - वक़्त ही वक़्त कमबख्त ! हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal)
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Latest News:
शायरी - है मोहब्बत के सिवा और चारा क्या ?! 15 Aug 2013 | 11:45 am
बिना आपके हमारा भी गुज़ारा क्या ? बोलिए, करियेगा दोस्ती दुबारा क्या ?! फूलों की खुशबू, बच्चों की मुस्कुराहट, उम्मीदों को चाहिए और सहारा क्या ?! जब दिल मिले, गिले शिकवे सब दूर हुए, सब एक हुआ, उसका क्...
SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ) - Part 1 29 May 2013 | 07:08 am
पिछले कुछ सालों से दोस्त लोगों के साथ SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ) के प्रयोग कर रहें है तो सोचा , उसके अनुभव आप लोगों के साथ भी साँझा किये जाएँ :)
बाल-कविता : एक दो तीन चार .. ! 27 May 2013 | 01:35 pm
बहुत दिनों से ड्राफ्ट में पड़ी हुई थी तो सोचा इसी से बिस्मिल्लाह किया जाए :) १ २ ३ ४ शुरू हुई गिनती, राजकुमार ! ५ ६ ७ ८ ग़म को मारो, जोर से लात ! ९ १० ११ १२ तू मेरा प्यारा, राजदुलारा ! १३ १४ १५ १६ ...
हिंदी फोरम और ब्लॉग एग्रीगेटर 17 May 2013 | 11:35 am
करीबन ६-७ महीने पहले कुछ मित्रों ने मिल कर हिंदी फोरम बनाई थी . उसी की एक विडियो अपडेट यहाँ चिपकाई जा रही है :) कविताई भी जल्द ही शुरू करने का विचार है ...
हिंदी डिस्कशन फोरम - HindiDiscussionForum.com 12 Sep 2012 | 11:57 am
कुछ भाईलोगो ने मिल कर हिंदी की फोरम तैयार करी है। एक मोहतर्मा ने उस पर एक लेख भी लिख डाला है :) ---------------------- फोरम एक ऐसा मंच है जहाँ लोग विभिन्न विषयों पर अपने विचार और आइडियास बांटते हैं...
शायरी पर शायरी (Shayari - Majaal ) 15 Jan 2011 | 06:01 pm
हमें सोचा की बस बनी, रही वो जस की तस बनी ! जब तक जस्बात जब्त थे, हालत रहमो तरस बनी ! गर्मी थी, बेकसी अन्दर, बाहर सुकून-ए-खस बनी ! कभी निकली बनके महक, कभी मवाद-ए- पस बनी ! ग़ालिब ताउम्र जुटे 'मजाल'...
शायरी (Shayari - Majaal) 7 Jan 2011 | 04:25 pm
जिंदगी एक शगल है, कई चीज़ों में दखल है ! इधर उधर जो ढूँढते, ख़ुशी तुम्हारे बगल है ! सोचे वादी खाली इन दिनों, सुकूँ की चहल पहल है ! अरमान गोया कपड़े हो, हर वक़्त अदल बदल है ! फिर से फुर्सत फिराक म...
हास्य : प्यार, मोहब्बत और शायरी-ए-Fusion ( Shayari - Majaal ) 24 Dec 2010 | 02:30 am
जितना पुराना, उतना divine , प्यार है गोया कोई wine ! जबतक बच्चों को लगे न रोग, तब तक इश्कबाजी है fine ! प्यार की कीमत पता चली, blank चेक पर किया जब sign ! अब तो तू हो जा मेरी, उम्र होने को ninet...
शायरी ( Shayari - Majaal ) 22 Dec 2010 | 03:30 am
बस खयालों में ही जिंदगी न गढ़ी जाए, बातें कुछ तजुर्बे से भी कही जाए ! ये हालत इतने बुरे भी कहाँ यारों, अखबार-ए-जिंदगी भी कभी पढ़ी जाए ! औरों की खबर हुज़ूर होगी बाद में, पहले अपने ईमाँ से तो जंग लड़ी....
फलसफाई, शायरी और चुटकियाँ ( Shayari - Majaal ) 19 Dec 2010 | 05:30 pm
ये रिश्ता चलता रहेगा बढ़िया जाने, अपनी कहें, हमारा नज़रिया जाने ! गर राज़ रखना है तो खुद में दफ़्न कर, कहा एक को तो फिर सारी दुनिया जाने ! उनकी शराफत के किस्से किनसे सुनेंगे ? रमिया जाने उनको या फि...